हिंदी व्याकरण में संज्ञा (Noun) का महत्वपूर्ण स्थान है। संज्ञा उस शब्द को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण, भाव आदि का नाम बताती है। संज्ञा का तात्पर्य नाम से है।
संज्ञा के प्रकार:
1. व्यक्ति वाचक संज्ञा (Proper Noun): किसी विशेष व्यक्ति, स्थान, वस्तु आदि का विशेष नाम बताने वाले शब्द व्यक्ति वाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे - राम, गंगा, दिल्ली, भारत, ताजमहल।
2. जातिवाचक संज्ञा (Common Noun): एक ही जाति, वर्ग या समुदाय के सभी व्यक्तियों, स्थानों या वस्तुओं के सामान्य नाम को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - लड़का, लड़की, कुत्ता, शहर, किताब।
3. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun): किसी पदार्थ या सामग्री का नाम बताने वाले शब्द द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे - सोना, चांदी, पानी, रेत, चीनी।
4. भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun): किसी गुण, अवस्था या भाव का नाम बताने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे - खुशी, दु:ख, ईमानदारी, सच्चाई, बहादुरी।
5. समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun): किसी समूह या झुंड का नाम बताने वाले शब्द समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे - झुंड, टीम, सेना, कक्षा, बग़ीचा।
6. परिणामवाचक संज्ञा (Resultant noun): ऐसे शब्द जो किसी कार्य या घटना के परिणामस्वरूप उत्पन्न होते हैं, उन्हें परिणामवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे - पकवान (पकाना से), निर्माण (निर्माण करना से), अध्ययन (अध्ययन करना से)।
उदाहरण:
- व्यक्ति वाचक संज्ञा: महात्मा गांधी, हिमालय, मुंबई।
- जातिवाचक संज्ञा: किताबें, विद्यार्थी, फल।
- द्रव्यवाचक संज्ञा: लोहा, कपास, तेल।
- भाववाचक संज्ञा: प्रेम, भय, आलस्य।
- समूहवाचक संज्ञा: भीड़, टोली, गुट।