भाषा किसे कहते हैं?
अपने भावों को बोल कर,लिख कर, पढ़ कर या संकेत के द्वारा दूसरे को व्यक्त करना, भाषा कहलाता हैं।
भाषा के भाग:- अपने भावों को व्यक्त करने के लिए मनुष्य द्वारा भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन वाक्यों को शब्दों से मिलाकर बनाया जाता है। इन शब्दों के संबंध को समझने के लिए एवं इनके उचित प्रयोग के लिए इन्हें भाषा के जिन भागों में बाॅटा गया है। उन्हें भाषा के भाग कहते हैं।
भाषा के आठ भाग है।
१) संज्ञा२) सर्वनाम
३) विशेषण
४) क्रिया
५) क्रिया विशेषण
६) संबंध सूचक अव्यय
७) संयोजक
८) विस्मयादिबोधक अव्यय
१) संज्ञा
संज्ञा उस शब्द को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, गुण, भाव आदि का नाम बताती है। संज्ञा का तात्पर्य नाम से है।
उदाहरण:
- महात्मा गांधी, हिमालय, मुंबई ,किताबें, विद्यार्थी, फल, लोहा, कपास, तेल,प्रेम, भय, आलस्य, भीड़, टोली, गुट।
२) सर्वनाम
सर्वनाम वे शब्द होते हैं जिनका प्रयोग संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव या गुण का नाम होती है। सर्वनाम का प्रयोग वाक्य को संक्षिप्त और सुगम बनाता है।
उदाहरण वाक्य:
- पुरुषवाचक: मैं घर जा रहा हूँ। (बोलने वाला)
- स्त्रीवाचक: वह मेरी बहन है। (स्त्रीलिंगी व्यक्ति)
- निश्चयवाचक: यह पुस्तक बहुत अच्छी है। (विशेष पुस्तक)
- अनिश्चयवाचक: क्या आपने खाना खा लिया है? (अनिश्चित प्रश्न)
- संबंधवाचक: जिस घर में मैं रहता हूँ, वह बहुत बड़ा है। (दोनों शब्दों को जोड़ता है)
- प्रश्नवाचक: कौन आ रहा है? (प्रश्न पूछता है)
३) विशेषण
विशेषण एक ऐसा शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को व्यक्त करता है, उसे अधिक जानकारी प्रदान करता है या उसे विशिष्ट बनाता है। विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के गुण, प्रकार, मात्रा, संख्या आदि को दर्शाते हैं।
उदाहरण:
सुन्दर, तेज, तीन, कुछ, जिसका |
४) क्रिया
क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, अवस्था, या घटना को व्यक्त करता है। यह वाक्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है क्योंकि यह विषय (Subject) के क्रियाकलाप या स्थिति को दर्शाती है। उदाहरण के लिए,"राम खाना खाता है" वाक्य में 'खाता है' क्रिया है जो राम के क्रियाकलाप को व्यक्त कर रही है।
क्रिया विशेषण (Adverb) वह शब्द है जो किसी क्रिया, विशेषण या अन्य क्रिया विशेषण की विशेषता बताता है। यह हमें बताता है कि क्रिया कैसे, कब, कहां, कितनी बार, या किस प्रकार हुई है।
उदाहरण:
तेजी से, धीरे-धीरे, आज, कल, तुरंत, वहाँ, ऊपर, कम, अधिक, काफी |
संबंध सूचक अव्यय वे अव्यय होते हैं जो वाक्य में विभिन्न शब्दों के बीच संबंध स्थापित करते हैं। यह संबंध किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, समय या क्रिया के बीच हो सकता है। इन अव्ययों का मुख्य कार्य वाक्य में स्पष्टता और सही अर्थ प्रदान करना होता है।
उदाहरण
1. से: किसी व्यक्ति या वस्तु से संबंध व्यक्त करता है।
- राम से बात की।
- वह दिल्ली से आया है।
2. के लिए: उद्देश्य या लाभार्थी को दर्शाता है।
- यह उपहार तुम्हारे लिए है।
- मैंने तुम्हारे लिए खाना बनाया।
3. के साथ: साथ होने का संबंध व्यक्त करता है।
- वह अपने दोस्त के साथ गया।
- मैंने चाय के साथ बिस्किट खाए।
4. तक: किसी समय या स्थान की सीमा को दर्शाता है।
- हम स्कूल तक चले गए।
- मैंने रात 10 बजे तक काम किया।
5. के कारण: कारण को व्यक्त करता है।
- बारिश के कारण खेल स्थगित हो गया।
- तुम्हारे कारण मैं समय पर पहुंच गया।
6. के बिना: बिना होने का संबंध व्यक्त करता है।
- तुम्हारे बिना यह काम मुश्किल है।
- पानी के बिना जीवन असंभव है।
7. पर: किसी स्थान, समय, या स्थिति को दर्शाता है।
- किताब मेज पर रखी है।
- वह शाम को 5 बजे पर आएगा।
8. के पीछे: पीछे होने का संबंध व्यक्त करता है।
- वह घर के पीछे छिपा है।
- स्कूल के पीछे बगीचा है।
9. के पहले: पहले होने का संबंध दर्शाता है।
- तुम्हारे आने के पहले मैं वहाँ था।
- खाने के पहले हाथ धो लो।
10. के बाद: बाद में होने का संबंध दर्शाता है।
- खाने के बाद घूमने चले गए।
- काम के बाद आराम करो।
ये संबंध सूचक अव्यय वाक्य में स्पष्टता और सही संरचना प्रदान करते हैं, जिससे वाक्य का अर्थ सही और स्पष्ट रूप से व्यक्त होता है।
७) संयोजक
संयोजक (Conjunction) उन शब्दों को कहते हैं जो वाक्य के विभिन्न खंडों, वाक्यों, या वाक्यांशों को जोड़ने का कार्य करते हैं। ये शब्द विचारों के बीच संबंध स्थापित करते हैं और वाक्य को समग्रता में जोड़कर रखते हैं।
उदाहरण के लिए:
- और: वह खाना खा रहा है और टीवी देख रहा है।
- लेकिन: वह जाना चाहता था लेकिन समय नहीं मिला।
- या: तुम चाय या कॉफी ले सकते हो।
संयोजक शब्द दो वाक्यों को एक साथ जोड़कर उन्हें एक अर्थपूर्ण इकाई बनाने में मदद करते हैं।
विस्मयादिबोधक अव्यय वे शब्द होते हैं जो हर्ष, शोक, घृणा, आश्चर्य, दुख, प्रसन्नता, आदि भावनाओं को प्रकट करते हैं। ये शब्द भावनाओं की तीव्रता को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं और सामान्यतः वाक्य के आरंभ में आते हैं। उदाहरण के लिए: "अरे!", "वाह!", "ओह!", "उफ्फ!" आदि।